BIG UPDATE : बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सभी 11 रूपी फिर जाएंगे जेल

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दिल्ली – बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुना दिया है सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 11 के 11 दोषियों की रिहाई के फैसला रद्द कर दिया है . इससे पहले अगस्त 2022 में गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे सभी दोषियों को रिहा कर दिया था . गुजरात सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी . लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है . सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि बिलकिस बानो केस के सभी दोषियों को अब जेल जाना पड़ेगा .

 

 

बिलकिस बानो गैंगरेप केस करीब 22 साल पुराना मामला है, जब गुजरात में गोधरा कांड हुआ था तब छिड़े दंगे के दौरान 3 मार्च 2002 को दाहोद में हिंसा छिड़ी हुई थी . इसी दौरान बिलकिस और शमीम भागने की तैयारी में थे, लेकिन भीड़ ने उन्हें घेर लिया था .

भीड़ ने 3 साल के बच्चे का सिर जमीन पर पटक कर मार डाला, और गर्भवाती के साथ गैंगरेप किया था,  इस मामले में FIR दर्ज हुई, जांच चली और पहली बार साल 2004 में सभी दोषियों को गिरफ्तार किया गया . इस केस को गुजरात से मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया करीब 4 साल बाद 21 जनवरी साल 2008 में CBI की स्पेशल कोर्ट ने 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी .

 

इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीवी नागरथाना और उज्जल भुइयां की बेंच कर रही थी… सोमवार को इस मामले में इस बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि  “महिला सम्मान की हकदार है. राज्य इस तरह का निर्णय लेने के लिए ‘सक्षम’ नहीं है और इसे ‘धोखाधड़ी वाला कृत्य’ माना जाएगा.” इस बेंच ने पिछले साल 12 अक्टूबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था.

इस केस की अदालत में लगातार 11 दिनों तक सुनवाई हुई थी, सुनवाई के दौरान केंद्र और गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा माफ करने से जुड़े ओरिजिनल रिकॉर्ड पेश किए थे और गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा माफ करने के फैसले को सही ठहराया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने समय से पहले दोषियों की रिहाई पर उसी वक्त सवाल उठाया था . हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा था की कोर्ट सजा माफी के खिलाफ नहीं है, लेकिन ये स्पष्ट जरूर किया जाना चाहिए की दोषी कैसे सजा माफी के योग्य बने हैं .

 

 

 

 

दोषियों ने इस सजा को बॉम्बे हाईकोर्ट में चैलेंज किया था . इस पर फैसला साल 2018 में आया, और कोर्ट ने सभी दोषियों की सजा को बरकार रखा था . आरोपियों को पहले मुंबई की आर्थर रोड जेल और फिर नासिक के जेल में रखा गया था . बाद में करीब 9 साल बाद आरोपियों को गोधरा के सब जेल में भेज दिया गया था . साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए गुजरात सरकार को बिलकिस बानो को 50 लाख रुपए का मुआवजा ।नौकरी और घर देने का आदेश सुनाया था .

लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी दोषियों की रिहाई को रद्द कर दिया है ये सभी दोषी अब दोबारा जेल जाएंगे । सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये मांग की थी कि गुजरात सरकार ये बताए की ये दोषी कैसे सजा माफी के हकदार बने और कैसे गुजरात सरकार ने इन दोषियों की सजा समय से पहले माफ कर दी थी।

 

ये 11 दोषी थे

जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट्ट, राध्येशम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहनिया, प्रदीप मोर्दहिया, बकाभाई वोहनिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदना

इन 11 दोषियों में से एक राधेश्याम ने रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और जस्टिस रस्तोगी और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने ये फैसला सुनाया था कि गुजरात सरकार के पास इन दोषियों को सजा में राहत देने का आधिकार है और फिर गुजरात सरकार ने इन दोषियों को सजा पूरी होने से पहले रिहा कर दिया था .

 

 

 

 

 

 

 

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