NDA 3.0 Budget : 2040 तक घटेगी भारत की युवाओं की आबादी, NDA 3.0 बजट में स्किल अपग्रेडेशन और रोजगार सृजन पर जोर

The Union Minister for Finance and Corporate Affairs, Smt. Nirmala Sitharaman addressing a Press Conference, in New Delhi on June 28, 2021.
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Smt. Nirmala Sitharaman, The Union Minister for Finance and Corporate Affairs of India

नई दिल्ली: भारत की 65% आबादी की उम्र 35 साल से कम है, लेकिन यह संख्या 2040 के आसपास घटने लगेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए युवाओं को नए जमाने के स्किल सिखाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने की जरूरत है। NDA 3.0 सरकार का पहला आम बजट इस दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है।

NDA 3.0 budget और रोजगार सृजन

सिटीग्रुप की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत को अगले दशक में हर साल करीब 1.20 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे, लेकिन 7% जीडीपी ग्रोथ के बावजूद हर साल केवल 80-90 लाख रोजगार के मौके ही बन सकते हैं। हालांकि, लेबर मिनिस्ट्री ने 2017-18 से 2021-22 के बीच 8 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन का दावा किया था। आरबीआई के प्रोविजनल डेटा में वित्त वर्ष 2024 में 4.67 करोड़ रोजगार के अवसर बताए गए हैं।

जॉब क्रिएशन और स्किल की समस्या

इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (ISF) की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुचिता दत्ता के अनुसार, जॉब क्रिएशन की समस्या नहीं है, लेकिन स्किल की कमी एक बड़ी समस्या है। NDA 3.0 budget में स्किल अपग्रेडेशन पर ध्यान देना चाहिए। साउथ इंडिया में जॉब्स के मौके अधिक हैं, जबकि स्किल्ड लोग ईस्ट और वेस्ट इंडिया में हैं। माइग्रेंट वर्कर्स को स्किल सिखाने में स्टाफिंग इंडस्ट्री को अधिक खर्च करना पड़ता है। सरकार की वित्तीय मदद से इंडस्ट्री और वर्कर्स, दोनों को फायदा होगा।

MSME और रोजगार सृजन

ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज के प्रेसिडेंट डॉ वी जी कलंत्री ने कहा कि MSME सबसे अधिक रोजगार के मौके बनाती हैं।NDA 3.0 budget में MSME को आसान शर्तों पर फंड उपलब्ध कराने और उनकी ग्रोथ बढ़ाने के कदम उठाए जाएं तो रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी।

असंगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति

मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन के अनुसार, 2015-16 से 2022-23 के बीच असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों की संख्या 16.45 लाख घटकर 10.96 करोड़ पर आ गई है। लेबरनेट की सीईओ डॉ गायत्री वासुदेवन ने कहा कि हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और इंफ्रा जैसे सेक्टरों में रोजगार को बढ़ावा देने की जरूरत है, जिन्हें ऑटोमेशन से खतरा नहीं हो। MSME सेगमेंट से जुड़ी योजनाओं के जरिए लोगों को अपने छोटे उद्यम शुरू करने में मदद दी जानी चाहिए।

डॉ वासुदेवन ने सुझाव दिया कि ज्यादा से ज्यादा ITI खोले जाएं और उन्हें अपग्रेड किया जाए। नैशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत स्किल सीखने पर होने वाले खर्च में पैरेंट्स के लिए टैक्स छूट का प्रावधान हो।

ISF की सुचिता दत्ता ने कहा कि सरकार को फॉर्मल सेक्टर को बढ़ावा देने पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि इन्फॉर्मल सेक्टर में सोशल सिक्योरिटी मुहैया कराना मुश्किल है। महिलाओं को वर्कफोर्स में लाने के लिए NDA 3.0 budget में इंसेंटिव का प्रावधान करना अच्छा कदम होगा।

अंतरिम बजट 2024-25 की मुख्य बातें जिन पर लिया जा सकता है बड़ा एक्शन 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अपना लगातार छठा बजट पेश किया और पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड की बराबरी की। अंतरिम बजट 2024-25 की मुख्य बातें इस प्रकार हैं।

* प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष कर दरों में कोई बदलाव नहीं। लेकिन इनकम टैक्स देनदारी संबंधी नोटिस से प्रभावित लोगों को राहत।

* पीएम आवास योजना-ग्रामीण योजना इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों में कम से कम दो करोड़ और घर बनाए जाएंगे।

* पीएम आवास योजना के तहत आवंटन राशि 79,590 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 80,671 करोड़ रुपये की गई है।

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